पुलिस और वन विभाग की टीम ने तेंदुए की तीन खालों के साथ पूर्व सैनिक किया गिरफ्तार
पुलिस, एसओजी और वन विभाग की संयुक्त टीम ने तेंदुए की तीन खालों के साथ विकास खंड बाराकोट के एक पूर्व सैनिक को दबोचा है। आरोपी खालों को नेपाल के रास्ते चीन भेजने की फिराक में था। न्यायालय में पेश करने के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है। 
 

मुखबिर की सूचना पर संयुक्त टीम ने बाराकोट क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। एसओ मनीष खत्री ने बताया कि टीम ने बाराकोट के छतरी चौराहे पर बुधवार की रात 12.45 बजे बिना नंबर की सुजुकी स्कूटी सवार राजेंद्र नाथ गोस्वामी (45) निवासी पट्यूड़ा विकासखंड बाराकोट को रोककर उसकी तलाशी ली तो आरोपी के कब्जे से तीन तेंदुए की खालें बरामद हुईं।

रेंजर हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि बरामद खालों में एक की लंबाई छह फीट 10 इंच, दूसरी साढ़े सात फीट और तीसरी खाल की लंबाई सात फीट है। तीनों ही खालें करीब एक वर्ष पुरानी हैं। 

एसओ के अनुसार आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने तीनों तेंदुओं को अपनी लाइसेंसी बंदूक से काली कुमाऊं रेज बाराकोट के जंगलों से मारा था। खालों को वह नेपाल मूल के लोगों को बेचता था। खालें नेपाल में बेचने के बाद नेपाली तस्करों के जरिये अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेची जाती थीं। आरोपी को पकड़ने वाली एसओजी टीम में एसओजी प्रभारी विरेंद्र रमोला, दीपक प्रसाद, राकेश रौंकली, मतलूब खान, पुलिस टीम में एसआई हेमंत कठैत, एसआई देवेंद्र मेहता, सर्विलांस टीम में धर्मवीर सिंह, सद्दाम हुसैन, भुवन पांडेय और वन विभाग की टीम में वन दरोगा उत्तम नाथ गोस्वामी, बीट अधिकारी गिरीश जोशी शामिल रहे। 


सहकारी बैंक में गार्ड है आरोपी



आरोपी वर्तमान में जिला सहकारी बैंक बाराकोट शाखा में गार्ड के पद पर तैनात है, जिसके पास अपनी लाइसेंसी बंदूक है। वन्य जीवों की तस्करी में आरोपी को पकड़ने वाली टीम को काली कुमाऊं वन क्षेत्र के रेंजर हेम चंद्र गहतोड़ी ने अपनी ओर से पांच हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। 

घात लगाकर किया जाता है तेंदुए का शिकार

तेंदुए का शिकार करने के लिए शिकारी उस मौके की तलाश में रहते हैं, जब तेंदुआ किसी जानवर को मारता है। तेंदुआ मारने के बाद दुबारा उसका मांस खाने के लिए उसी स्थान में पहुंचता है। इसी मौके पर शिकारियों द्वारा घात लगाकर तेंदुए को अपना निशाना बनाया जाता है।

गार्ड विहीन हुआ सहकारी बैंक

तेंदुए की तीन खाल के साथ पकड़ा गया राजेंद्र सिंह बीते पांच सालों से पिथौरागढ़ जिला सहकारी बैंक की बाराकोट शाखा में गार्ड था। उसके पकड़े जाने से बृहस्पतिवार को बैंक की शाखा गार्ड विहीन हो गई। बैंक की सुरक्षा को लेकर शाखा प्रबंधक से लेकर कर्मचारियों को अतिरिक्त चौकसी बरतनी पड़ रही है। साथ ही बैंक अधिकारी सुरक्षा को लेकर पुलिस से समन्वय बनाने की बात कह रहे हैं।

बैंक के शाखा प्रबंधक संतोष चातुरी का कहना है कि गार्ड राजेंद्र सिंह बुधवार को ड्यूटी पर आया था। उसके तेंदुए की खाल के साथ पकड़े जाने की विधिवत जानकारी पुलिस से नहीं मिली है। उन्होंने राजेंद्र सिंह के तस्करी के मामले में दबोचे जाने की सूचना पिथौरागढ़ जिला सहकारी बैंक के मुख्यालय दे दी है। साथ ही नए गार्ड की व्यवस्था के लिए भी आग्रह किया गया है। 




पकड़े जाने के बाद बहाने बनाता रहा आरोपी 


तीन खाल के साथ पकड़ा गया गार्ड राजेंद्र सिंह पकड़े जाने के बाद बहाने बनता रहा। राजेंद्र सिंह का कहना था कि इन खालों से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उसने रास्ते में एक व्यक्ति को स्कूटी में लिफ्ट दी और यह खाल उसकी होने की वह बात कहता रहा।

मगर गार्ड न तो लिफ्ट देने वाले का हुलिया बता पाया और नहीं कि वह व्यक्ति कहां से कहां तक बैठा इसकी जानकारी दे पाया। उसने खाल स्कूटी में कैसे रखी, इसे लेकर भी राजेंद्र सिंह कुछ नहीं बता सका। 

2018 से पकड़ी जा चुकी हैं 11 खालें 

पहाड़ी क्षेत्रों में संरक्षित वन्य जीवों के अवैध शिकार की घटनाएं थम नहीं पा रही है। चंपावत जिले में 2018 से अब तक तेंदुए की 11 खालें पकड़ी जा चुकी हैं। खाल पकड़ने की सबसे बड़ी घटना 10 जून 2018 को बनबसा में हुई थी।

बनबसा में तीन तस्करों से तेंदुए की पांच खालें बरामद की गईऱ्ं थी, जबकि पिछले साल 21 जुलाई को पाटी के कनवाड़ बैंड से तेंदुए की खाल सहित एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। बाराकोट ब्लाक से तेंदुए की खाल पकड़ने का यह इस साल का पहला मामला है।