राज्य सरकार विभिन्न विभागों में कार्यरत उपनलकर्मियों का न्यूनतम वेतन तय करेगी। समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग पर सरकार ने यह आश्वासन दिया है। कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ हुई वार्ता में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने यह बात कही।
बृहस्पतिवार को हुई बैठक में कर्मचारी संगठनों ने उपनलकर्मियों को नियमित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आठ-दस साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मियों को समायोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्षों से काम कर रहे कर्मचारी अब कहां जाएंगे। उनके सुरक्षित भविष्य के लिए नियमावली बनाई जानी चाहिए। हाईकोर्ट भी कर्मचारियों के लिए नियमावली बनाने के निर्देश दे चुका है। साथ ही उन्होंने कर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग भी की।
मदन कौशिक ने कहा कि समान कार्य के लिए समान वेतन और न्यूनतम वेतन के लिए नियमावली बनाई जाएगी। उन्होंने कार्मिक विभाग को नियमावली बनाने के निर्देश दिए। कौशिक ने कहा कि सरकार किसी भी कार्मिक को नौकरी से नहीं निकाल रही है। बैठक में उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत और कोषाध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने कर्मियों का पक्ष रखा।
2018 में भी हुई थी वित्त मंत्री से वार्ता
उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री हेमंत रावत ने बताया कि वर्ष 2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री प्रकाश पंत से इन सभी बिंदुओं पर सकारात्मक वार्ता हुई थी। उन्होंने कहा कि उसके बाद भी सरकार ने किसी मामले में कार्रवाई नहीं की। एक तरफ सरकार किसी कर्मचारी को नौकरी से न हटाने की बात कह रही है, वहीं दूसरी ओर कई विभाग कर्मियों को निकाल रहे हैं।